आज की शिवरात्रि

*विद्येश्वर संहिता में शिव ने स्वयं कहा है कि इस दिन जो प्राणी निराहार और जितेन्द्रिय होकर उपवास रखता है। वह जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होकर शिवमय हो जाता है।*

*देवों के देव महादेव की सेवा कर उनसे मनचाहा वर मांगने का दिन है महाशिवरात्रि। इस साल यह पर्व 24 फरवरी को मनाया जाएगा। धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में इस रात्रि को खासा महत्त्व दिया गया है। ग्रंथों के अनुसार इस रात यदि चारों प्रहर की पूजा की जाए तो जीवन के सभी कष्ट दूर होकर मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है।*

*शिवरात्रि पर जिन चार प्रहर की पूजा 24 फरवरी को सम्पन्न होगी, उनका शुभ समय इस प्रकार होगा-*
प्रथम प्रहर- सायं 6.21 से रात्रि 9.30 तक,
द्वितीय प्रहर- रात्रि 9.31 से रात्रि 12.40 तक।
तृतीय प्रहर- मध्य रात्रि 12.41 से अद्र्धरात्र्योत्तर 3.49 तक।
चतुर्थ प्रहर- अद्र्धरात्र्योत्तर 3.50 से अंतरात्रि अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: 6.59 तक।
निशीथ काल- मध्यरात्रि 12.15 से रात्रि 1.06 तक।
इस दौरान महामृत्युंजय मंत्र जप के साथ इन बीज मंत्रों का जाप भी विशेष प्रभावी होता है।

*एकाक्षरी मंत्र: हौं (वाक् सिद्धि के लिए)*
*त्र्यक्षरी मंत्र: ॐ जूं स: (ज्वरादि से मुक्ति)*
*चतुरक्षरी मंत्र: ॐ वं जूं स: (संकट मुक्ति)*
*पंचाक्षरी मंत्र: ॐ हौं जू स: ॐ*
*नवाक्षरी मंत्र: ॐ जूं स: पालय-पालय*
*दशाक्षरी मंत्र: ॐ जूं स: मां पालय-पालय*
*33 अक्षरात्मक मंत्र:*
*ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिंम्-पुष्टिवर्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।*

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