महाराणा प्रताप

"जब मुगलों ने मिर्ची डाली , पावन हल्दीघाटी में ,"
"अग्निपुष्प तब हुआ पल्लवित , कुंभलगढ़ की माटी
में........."
"राणा हिन्दू धर्म का गौरव , स्वाभिमान का पोषक
था ,"
"मुगलों से जो खुली जंग का , एक मात्र उद्धघोषक
था........."
"अकबर का अट्टाहस रोका , साहस के बलबूते से ,"
"समझौतों को ठोकर मारी , जिसने अपने जूते
से........."
"इस्लामी गिद्धों के हर दम , पंख कतरने वाला था ,"
"एक वार से दुश्मन के , दो टुकड़े करने वाला
था........."
"जिसका बल पौरुष दुनिया में , अव्वल और निराला
था ,"
"कवच किलो इक्यासी का था , और बहत्तर भाला
था........."
"चेतक पर सवार होकर जब , युद्धक्षेत्र में आता
था ,"
"बाबर की औलादों का , कच्छा गीला हो जाता
था........."
"आठ फुटा महाराणा से कद , अपना नापा करते थे ,"
"देख सामने अकबर के भी , गुर्दे काँपा करते
थे........."
"घास चपाती खाने वाला , खुद खुद्दार कहानी था ,"
"मेवाड़ी पानी के आगे , अकबर पानी पानी
था........"
"रजपूती गाथा के तन पर , स्वाभिमान का जेवर था
,"
"मरते दम तक नही झुका वो , सूर्यवंश का तेवर
था........."
"जीत हार की बात न करिये , संघर्षों का ध्यान करो
,"
"कथा पीढ़ियों को दिखलाओ , निज कुल पर अभिमान
करो........."
"गिरा जहाँ पर खून वहां का , पत्थर-पत्थर जिन्दा है
,"
"जिस्म नहीं है मगर नाम का , अक्षर-अक्षर ज़िंदा
है........."
"जीवन में यह अमर कहानी , अक्षर-अक्षर गढ़
लेना ,"
"शौर्य कभी सो जाए तो , राणा प्रताप को पढ़
लेना........"
जय श्रीराम।
जय माताजी की।
जय वीर महाराणा प्रताप की।।

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