धनतेरस को करने योग्य

1 * इस दिन धन्वंतरि जी का पूजन करें।

2 * नवीन झाडू एवं सूपड़ा खरीदकर उनका पूजन करें।

3 * सायंकाल दीपक प्रज्वलित कर घर, दुकान आदि को श्रृंगारित करें।

4 * मंदिर, गौशाला, नदी के घाट, कुओं, तालाब, बगीचों में भी दीपक लगाएं।

5 * यथाशक्ति तांबे, पीतल, चांदी के गृह-उपयोगी नवीन बर्तन व आभूषण क्रय करते हैं।

6 * हल जुती मिट्टी को दूध में भिगोकर उसमें सेमर की शाखा डालकर तीन बार अपने शरीर पर फेरें।

7 * कार्तिक स्नान करके प्रदोष काल में घाट, गौशाला, बावड़ी, कुआं, मंदिर आदि स्थानों पर तीन दिन तक दीपक जलाएं।

8 * कुबेर पूजन करें। शुभ मुहूर्त में अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान में नई गादी बिछाएं अथवा पुरानी गादी को ही साफ कर पुनः स्थापित करें। पश्चात नवीन वस्त्र बिछाएं।

9 * सायंकाल पश्चात तेरह दीपक प्रज्वलित कर तिजोरी में कुबेर का पूजन करें।

10 * निम्न ध्यान मंत्र बोलकर भगवान कुबेर पर फूल चढ़ाएं –

श्रेष्ठ विमान पर विराजमान, गरुड़मणि के समान आभावाले, दोनों हाथों में गदा एवं वर धारण करने वाले, सिर पर श्रेष्ठ मुकुट से अलंकृत तुंदिल शरीर वाले, भगवान शिव के प्रिय मित्र निधीश्वर कुबेर का मैं ध्यान करता हूं।

इसके पश्चात निम्न मंत्र द्वारा चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य से पूजन करें –

‘यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये
धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।’

इसके पश्चात कपूर से आरती उतारकर मंत्र पुष्पांजलि अर्पित करें।

11 * यम के निमित्त दीपदान करें।

12 * तेरस के सायंकाल किसी पात्र में तिल के तेल से युक्त दीपक प्रज्वलित करें।

13 * पश्चात गंध, पुष्प, अक्षत से पूजन कर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके यम से निम्न प्रार्थना करें-

‘मृत्युना दंडपाशाभ्याम्‌ कालेन श्यामया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात्‌ सूर्यजः प्रयतां मम।

अब उन दीपकों से यम की प्रसन्नता के लिए सार्वजनिक स्थलों को प्रकाशित करें।

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