सरल सूत्र

  
                     सुगढ़ ग्रहणी को दैनं दिन कार्यो में बहुत ध्यान रखना चाहिए। अधोलिखित सूत्र प्रत्येक गृहस्थी के लिए माननीय है, करणीय है। ये सूत्र देवी लक्ष्मी प्राप्ति के स्वर्णिम सूत्र है।
                     याचक को दान देहरी के अंदर से ही करे, उसे घर की देहरी के अन्दर नहीं आने दे।
                     यदि नियमित रूप से घर की रोटी गाय को तथा अंतिम रोटी कुत्तो को जो लोग देते है तो उनके उतरोतर वृद्धि होती है, वंश वृद्धि होती है।
                     घर में कभी भी नमक खुले डिब्बे में न रखे। क्षार बंद ही होना चाहिए।
                     प्रातः उठकर सर्वप्रथम गृहलक्ष्मी यदि मुख्य द्वार पर एक गिलास अथवा लोटा जल डाले तो माँ लक्ष्मी के आने का मार्ग प्रशस्त होता है।
                     नित्य पीपल के पेड़ में जल डालने से भी आर्थिक सम्पन्नता रहती है।
                     यदि घर में सुख शांति चाहते है तो घर में कबाड़ न रखे। प्रत्येक अमावस्या को घर की पूर्ण सफाई कर फालतु के सामान को कबाड़ी को बेच दे, या बाहर फेंक दे। सफाई के बाद पांच अगरबत्ती पूजागृह में करे।
                    यदि हमेशा गेंहुँ शनिवार के दिन पिसवावे तथा गेंहुँ में एक मुठ्ठी काले चने डालकर पिसवावे तो आर्थिक वृद्धि होती है।
                    किसी बुधवार के दिन यदि आपके सामने हिंजड़ा आ जाये तो उसके मांगे बिना ही उसे पैसा अवश्य दे। यदि आप आर्थिक रूप से समस्या ग्रस्त है तो 21 शुक्रवार तक 9 वर्ष से कम आयु की पांच कन्याओ को खीर व मिश्री बांटे।
                   घर में जितने भी दरवाजे हो, उनमे समय-समय पर तेल डाले रखे जिससे बंद करते वक्त रगड़ से आवाज न आवे।
                   आर्थिक समस्या का निदान करने के लिए पांच शुक्रवार तक किसी सुहागिन स्त्री को सुहाग सामग्री का दान करे। सुहाग सामग्री आपकी क्षमतानुसार होनी चाहिए।
                   जब भी बैंक या ए.टी.एम. में से पैसे निकाले तब मन ही मन कोई भी लक्ष्मी मन्त्र का जाप अवश्य करे। बड़ा मंत्र याद न हो तो बीज मंत्र "श्री" का ही जाप कर ले।
                   संध्याकाल एवं प्रातः काल में किसी को उधार न दे। अन्यथा पैसे वापिस मिलने में मशक्कत करनी पड़ सकती है।
                   शुक्रवार को किसी सुहागिन को लाल वस्त्र अथवा सुहाग सामग्री दान करने का मौका मिले तो जरुर करे। माँ लक्ष्मी के आपके घर में आगमन का संकेत है।
                   यदि अचानक आर्थिक हानि हो रही है, या सट्टे में पैसे डूब गये है तो सात शुक्रवार को सात सुहागिनों को अपनी पत्नी के माध्यम से लाल वस्तु उपहार में दे। उपहार में इत्र का प्रयोग भी करे। हानि बंद होना लगेगी।
                   यदि गमन मार्ग पर मोर नृत्य करता दिखाई दे तो तुरंत उस स्थान की मिट्टी उठाकर जेब या पर्स में रखकर घर आवे तथा धूप दीप दिखाकर मिट्टी को चाँदी के ताबीज या लाल रेशमी वस्त्र में रखकर अपने धन रखने के स्थान पर रख दे।
                   यदि किसी शुक्रवार को कोई सुहागिन स्त्री अनायास बिन बुलाये आपके घर आती है तो उसका सम्मान कर जलपान कराये।
                   यदि धनतेरस के दिन घर में छिपकली के दर्शन होते है तो यह तय है कि पूरा वर्ष शुभ रहेगा। अगर संयोग से दिखाई दे जाये तो यह स्मृति में रखे कि आज छिपकली दर्शन एक विशेषश्शगुन है। तुरंत छिपकली को प्रणाम करे सम्भव हो तो छिपकली की कुमकुम के छींटे उछाल कर मंगल कामना करे। कहा भी है- धनतेरस को छिपकली दर्शन को तरसे। गर दिख जाय तो छप्पर फाड़कर धन बरसे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

शारदा पूजन विधि

गीता के सिद्ध मन्त्र

रामचरित मानस की चोपाई से कार्य सिद्ध