कारोबार बढ़ाने के उपाय

1-कारोबारी सफलता के लिएकारोबारी सफलता के लिए प्रत्येक अमावस्या के दिन अपने पूरे घर की सुंदर सफाई करें। तत्पश्चात परिवार के सभी सदस्य नहा धोकर शुद्ध वस्त्र धारण करके एक जगह एकत्रित होकर अपने बीचमें चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछा दें। वस्त्र के ऊपर 11 मुट्ठी मसूर की दाने रखकर उसके ऊपर एक चौमुखा दीपक प्रज्ज्वलित कर रख दें। तत्पश्चात घर के सभी सदस्य सुंदर काण्ड कापाठ करें। संपूर्ण कष्टों से छुटकारा मिलेगा।

2---नया कारोबार करने से पहलेनया कारोबार, नई दुकान या कोई भी नया कार्य करनेसे पूर्व मिट्टी के पांच पात्र लें जिसमें सवाकिलो सामान आ जाएं। प्रत्येक पात्र में सवा किलो सफेद तिल, सवा किलो पीली सरसों, सवा किलो उड़द, सवा किलो जौ, सवा किलो साबुत मूंग भर दें। मिट्टी के ढक्कन से ढंक कर सभी पात्र को लाल कपड़े से मुंह बांध दें और अपने व्यवसायकि स्थल पर इन पांचों कलश को रख दें। वर्ष भर यह कलश अपनी दुकान में रखें ग्राहकों का आगमन बड़ी सरलता से बढ़ेगा और कारोबारी समस्या का निवारण भी होगा। एक वर्ष के बाद इन संपूर्ण पात्रों को अपने ऊपर से 11 बार उसार कर बहते पानी में प्रवाह कर दें। और नये पात्र भरकर रख दें।

कार्य में बार-बार आने वाली समस्यायदि आपको अपने कार्य में अनावश्यक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बार-बार कार्य में रूकावट आ रही हो तो आप अपने घर में शनिवार के दिन तुलसी का पौधा लगाएं और हर रोज सुबह-शाम घी का दीपक जलाने से कार्य में बार-बार आने वाली समस्या का निवारण बड़ी सरलता से हो जाएगा।कारोबार में अनावश्यक परेशानी हेतुअगर कारोबार में अनावश्यक परेशानी आ रही हो, लाभमार्ग अवरोध हो रहा हो तो हर रोज शाम को गोधूलि वेला में यानि साढ़े पांच से छ: बजे के बीच में अपने पूजा स्थान में श्री महालक्ष्मी की तस्वीरस्थापित करके या तुलसी के पौधे के सामने में गो घृत का दीपक जलाएं। दीपक प्रज्ज्वलित करने के बाद उसक अंदर अपने इष्ट देव का ध्यान करते हुए एक इलायची डाल दें। ऐसा नियमित 186 दिन करने सेव्यापार में लाभ होगा। दीपक और इलायची हमेशा नया प्रयोग में लाएं।कारोबारी समस्या निवारण हेतुकारोबार में समस्या आ रही हो, व्यवसाय चल नहीं रहा हो और कर्ज से परेशान हो रहे हो तो इस प्रयोग को करके देखें। यह प्रयोग किसी भी महीनेशुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार के दिन शुरू करें और नियमित 186 दिन करें। हर रोज स्नानोपरांत पीपल, बरगद या तुलसी के पेड़ के नीचे चौमुखा देसीघी का दीपक जलाएं। और शुद्ध कंबल का आसन बिछाकर एक पाठ विष्णु सहस्रनाम का करें तथा 11 माला ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र की जाप करें। मां लक्ष्मी की कृपा होगी और कारोबारी समस्या का निवारण हो जाएगा।व्यवसाय में बाधाएंयदि आपके व्यवसाय में बाधाएं चल रही हों तो आपको अपने कार्यस्थल पर पीले रंग की वस्तुओं काप्रयोग करना चाहिए तथा पूजाघर में हल्दी की माला लटकानी चाहिए। भगवान लक्ष्मी-नारायण के मंदिर में लड्डू का भोग लगाना चाहिए।व्यवसाय में मनोनुकूल लाभव्यवसाय में मनोनुकूल लाभ की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो किसी भी शनिवार के दिन नीले कपड़े 21 दानें रक्त गुंजा के बांधकर तिजोरी में रख दें।हर रोज धूप, दीप अवश्य दिखाएं। अपने इष्टदेव का ध्यान करें। ऐसा नियमित करने से व्यापार में लाभ मिलेगा और सफलता भी प्राप्त होगी।कारोबारी, पारिवारिक, कानूनी परेशानियों से छुटकारा दिलाने वाला अमोध प्रयोगआप अपना काम कर रहे हो कठिन परिश्रम के बावजूद भी लोग आपका हक मार देते हैं। अनावश्यक कार्य अवरोध उत्पन्न करते हों। आपकी गलती न होने के बावजूद भी आपको हानि पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा हो तो यह प्रयोग आपके लिए बहुत ही लाभदायक सिध्द होगा। रात्रि में 10 बजे से 12 बजे के बीज में यह उपाय करना बहुत ही शुभ रहेगा।एक चौकी के ऊपर लाल कपड़ा बिछा कर उसके ऊपर 11 जटा वाले नारियल। प्रत्येक नारियल के ऊपर लाल कपड़ा लपेट कर कलावा बांध दें। इन सभी नारियल को चौकी के ऊपर रख दें। घी का दीपक जला करके धूप-दीप नेवैद्य पुष्प और अक्षत अर्पित कर। नारियल के ऊपर कुमकुम से स्वस्तिक बनाए और उन प्रत्येक स्वस्तिक के ऊपर पांच-पांच लौंग रखें और एक सुपारी रखें। माँ भगवती का ध्यान करें। माँ को प्रार्थना करें कष्टों की मुक्ति के लिए। कम्बल का आसन बिछा कर ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:11 माला करें, तत्पश्चात नारियल सहित समस्त सामग्री को सफेद कपड़े में बांध कर अपने ऊपर से 11 बार वार कर सोने वाले पलंग के नीचे रख दें। सुबह ब्रह्म मर्ुहूत्त में बिना किसी से बात किए यह सामग्री कुएं, तालाब या किसी बहते हुए पानी में प्रवाह कर दें। कानूनी कैसी भी समस्याहोगी उससे छुटकारा मिल जाएगा।ऋण मुक्ति और धन वापसी के उपायकिसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के मंगलवार के दिन प्रदोष काल में यह पूजा प्रारंभ करें। किसी भी प्राण प्रतिष्ठित शिव मंदिर में जाकर श्रद्धापूर्वक शिव की उपासना करें। शिव पूजन केउपरांत अपने सामने दो दोने रख दें। एक दोने में यानी बायें हाथ वाले दोनें में 108 बिल्वपत्र पीले चंदन से प्रत्येक बिल्व पत्र में ॐ नम:शिवाय लिखकर रख दें। तत्पश्चात शुद्ध आसन बिछाकर एक बिल्वपत्र अपने दाहिनी हाथ में लें और इस ॐ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नम:। मंत्र का जाप करें। और दाहिने हाथ वाले दोने में बिल्व पत्र को रख दें। ऐसा 108 बार करें। जाप पूरा होने के उपरांत एक पाठ ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का करें। साथ ही सर्वारिष्ट शान्त्यर्थ शनि स्तोत्र का पांच पाठ भी करें। ऐसा नियमित 40 दिन तक पूजा करने से ऋण से छुटकारा मिल जाएगा।ऋण मुक्ति के लियेआप अपने कारोबार में कर्जे से डूबे जा रहे है रात-दिन मेहनत करने के उपरांत भी कर्जा उतरने का नाम ही नहीं ले रहा है तो यह प्रयोग आपके लिये बहुत ही अनुकूल व फायदेमंद रहेगा। किसी भीमाह के शुक्ल पक्ष के प्रथमा के दिन नित्यक्रम से निवृत्त होकर स्नानोपंरात स्वच्छ वस्त्र धारण करें और अपने पूजा स्थान में यह पूजा प्रारंभ करें। 6 इंच लम्बी गूलर की पेड़ की जड़ लेउसके ऊपर 108 बार काले रंग का धागा ॐ गं गणपतये नम:मंत्र का जाप करते हुये लपेटे। भगवान गणेश जी से ऋण मुक्ति की प्रार्थना करें। 108 चक्र होने के बाद इस लकड़ी को स्वच्छ थाली में पीला वस्त्र बिछाकर रख दें। तत्पश्चात श्रद्धानुसारधूप,दीप, नैवद्य, पुष्प अर्पित करें। घी का दीपक प्रज्जवलित कर उसमें एक इलायची डाल दें। शुद्ध आसन बिछाकर अपने सामने हल्दी से रंगे हुये अक्षत रख लें। अपने हाथ में थोड़े से अक्षत लें ॐगं गणपतये ऋण हरताये नम:मंत्र का जाप करके अक्षत गूलर की लकड़ी के ऊपर छोड़ दे। ऐसा 108 बार करें। अगले दिन यह प्रक्रिया पुन:दोहरायें। ऐसानवमी तक पूजन करें। नवमी के दिन रात में सवा ग्यारह बजे पुन:एक बार पूजन करें। ऋण हरता गणपति की 11 माला जाप करें। तत्पश्चात इस लकड़ी को अपने ऊपर से 11 बार उसार कर के अपने घर के किसी कोने में गड्डा खेंद कर दबा दे। उसके ऊपर कोई भारी वस्तु रख दें। ऐसा करने से कर्ज से छुटकारा मिल जायेगा।ऋण से छुटकारे हेतुकिसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार के दिन गेहूं के सवा किलो आटा में सवा किलो गुड़ मिलाकर उसके गुलगुले या पूएं बनाएं। शाम के समयहनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर घोलकर अभिषेक करने के उपरांत घी का दीपक जलाएं और वहीं बैठकर हनुमान चालीसा के 7 पाठ करें। तत्पश्चात हनुमान जी को इन गुलगुले और पूएं का भोग लगाएं और गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों को बांट दें। ऐसा 11 मंगलवार करें, ऋण से छुटकारा मिलेगा।ऋण मुक्ति के लिएऋण मुक्ति के लिए उपाय सर्वप्रथम पांच गुलाब केफूल लाएं। ध्यान रहे कि उनकी पंखुड़ी टूटी हुई न हो। तत्पश्चात सवा मीटर सफेद कपड़ा, सामने रचो करबिछाएं और गुलाब के वार फूलों को चारों कोनों पर बांध दें। फिर पांचवा गुलाब मध्य में डालकर गांठ लगा दें। इसे गंगा, यमुन और सरस्वती नदियोंमें प्रभावित करें। प्रभुकृपा से ऋण मुक्ति और घर में सुख समृध्दि की प्राप्ति होती है।व्यवसायिक परेशानी का निवारणदीवाली के दिन नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत अपने पूजा स्थान में लक्ष्मी बीसा यंत्र एवं कुबेर यंत्र की श्रद्धापर्वूक स्थापना करने के उपरांत धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प और अक्षत से पंचोपचार पूजन करें। तत्पश्चात शुद्ध आसन बिछाकर स्फटिक की माला पर 11 माला इस ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्यादि पताये धन धान्य समृद्धि में देही दापयदापय स्वाहा मंत्र की जाप करें। संपूर्ण व्यावसायिक परेशानियों का निवारण होगा। हर रोज इस मंत्र की सुबह-शाम एक माला जाप करने से अवश्यधन में वृद्धि होगी।घाटा दूर करने का उपायव्यापार में घाटा हो रहा हो या काम नहीं चल पा रहा हो, तो आप एक चुटकी आटा लेकर रविवार के दिन व्यापार स्थल या अपनी दुकान के मुख्य द्वार के दोनों ओर थोड़ा-थोड़ा छिड़क दें, साथ में कहें- जिसकी नजर लगी है उसको लग जाये। बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला। यह क्रिया शुक्ल पक्ष में ही करें। संभव हो तो प्रयत्न करें कि इस क्रिया को करते हुए आपको कोई न देखे। गुप्त रूप से यह क्रिया करने पर व्यापार का घाटा दूर होने लगता है। इसके अलावा व्यापार स्थल में मकडिय़ों के जाले व्यापार की वृद्घि को रोकते हैं। अत: व्यापार में बरकत के लिए प्रत्येक शनिवार को दुकान की सफाई आदि करते समय मकड़ी के जालों को अवश्य हटा देना चाहिए।बिक्री बढ़ाने के व लाभ के उपायजिन उद्योगपतियों या व्यापारियों को काफी प्रयास और अथक परिश्रम करने के बावजूद बिक्री में वृध्दि नहीं हो पा रहा हो तो यह उपाय शुक्ल पक्ष में गुरुवार से प्रारम्भ करें और प्रत्येकगुरुवार को इस क्रिया को दोहराते रहें। घर के मुख्य द्वार के एक कोने को गंगाजल से शुध्द कर लें या धो लें। शुध्द किए गए स्थान पर स्वस्तिक का चिह्न बनाएं और उस पर थोड़ा दाल और गुड़ रख दें। साथ ही एक घी का दीपक जला दें। ध्यान रहे कि स्वस्तिक का चिह्न हल्दी से ही बनाएं। स्वास्तिक बनाने के बाद उसको बार-बार नहीं देखना चाहिए। यह उपाय बहुत ही सरल है और इसका प्रभाव शीघ्र ही परिलक्षित होने लगता है।कारोबार में वृद्धि हेतुहर रोज प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्नानोपरांत तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें थोड़ी सी रोली डालकर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:॥ मंत्र का जाप करते हुए तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं। शाम को गाय के शुद्ध देसी घी का दीपक जलांए और इसी मंत्र की पांच माला जाप करें।व्यवसायिक समस्याओं का निवारण हेतुकठिन परिश्रम व मेहनत करने के उपरांत लाभ की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो प्रत्येक गुरुवार के दिन शुभ घड़ी में पीले कपड़े में 9 जोड़े चने की दाल, 9 पीले गोपी चंदन की डलियां, 9 गोमती चक्र इन सबको पोटली बनाकर किसी भी मंदिर में केले के पेड़ के ऊपर शाम के समय टांग दें। साथ ही एक घी कादीपक भी प्रज्ज्वलित कर लें। ऐसा 11 गुरुवार करने से धन की प्राप्ति होगी और व्यवसायिक समस्याओं का निवारण भी होगा।धन का न रूकनाकिसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार के दिन 1 तांबे का सिक्का, 6 लाल गुंजा लाल कपड़े में बांधकर प्रात: 11 बजे से लेकर 1 बजे के बीच में किसी सुनसान जगह में अपने ऊपर से 11 बार उसार कर 11 इंच गहरा गङ्ढा खोदकर उसमें दबा दें। ऐसा 11 बुधवार करें। दबाने वाली जगह हमेशानई होनी चाहिए। इस प्रयोग से कारोबार में बरकत होगी, घर में धन रूकेगा।धन वृद्धि हेतुकिसी भी गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत शंख पुष्पी की जड़ अपने घर में लेकर आएं इस जड़ को गंगाजल से पवित्र कर दें। पवित्र करने के उपरांत चांदी की डिब्बी में पीले चावल भरकर उसके ऊपर रख दें। श्रद्धानुसार धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प, अक्षत अर्पित कर पंचोपचार पूजन करें। उसके बाद इस डिब्बी को अपनी तिजोरी में रख दें। धन में वृद्धि और कारोबारमें लाभ होगा।हर गुरु पुष्य के दिन शंख पुष्पी की जड़ व चांदी की डिब्बी बदल दें। पहले वाली बहते पानी में प्रवाह कर दें।  ======================================================================कार्यक्षेत्र के व्यवधान दूर करने हेतुयदि आपका व्यवसाय तकनीकी क्षेत्र का है और आपकेव्यवसाय में हमेशा कोई न कोई मशीन बहुत जल्दी खराब होती हो तो यह उपाय बहुत ही लाभदायक रहेगा। किसी भी माह के प्रथम गुरुवार के दिन हल्दी, कुंकुम और केसर की स्याही बनाकर नौ इंच सफेद कच्चे धागे को रंग लें। तत्पश्चात उसमें नौ गांठ लगा दें। मशीन के ऊपर उसी स्याही से स्वास्तिक बनाकर उस धागे को बांध दें। मशीन खराब नहीं होगी और कर्मचारी में मन लगाकर काम करेंगे सुख-शांति हेतुयदि आपके परिवार में हमेशा कलह रहता हो पारिवारिक सदस्य सुख शांति से न रहते हो तो शनिवार के दिन सुबह काले कपड़े में जटा वाले नारियल को लपेटकर उस पर काजल की 21 बिंदी लगा लें। और घर के बाहर लटका दें। हमेशा घर बुरी नजरसे बच कर रहेगा और हमेशा सुख-शांति रहेगी। कार्य सफलता के लिएकिसी भी शुभ कार्य के लिए घर से बाहर निकलने से पूर्व दही में गुड़ या चीनी मिलाकर सेवन करके बाहर निकलने से कार्य में सफलता मिलती है। साथ ही घर से बाहर निकलते समय अपने पास कुछ धन राशि रख दें इस धन राशि से किसी जरूरत मंद व्यक्ति कोखाने की चींज देकर निकल जाएं कार्य सफलता मिल जाएगी। यदि जातक के अपने कर्म ठीक है, कार्य व्यवसाय में वह ईमानदारी से परिश्रम करता हो, उसके बावजूद भी कार्य में सफलता नहीं मिल रही हो अथवा घर में शांति नहीं हो तो इस प्रयोग से अवश्य शांति मिलेगी। प्रतिदिन स्नान के जल में एक आम का पत्ता, एक पीपल का पत्ता, दुर्वा-11, तुलसी का एक पत्ता और एक बिल्व पत्र डालकर मृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए स्नान करें तोसभी प्रकार के ग्रह पीड़ा व कष्टों से मुक्ति मिलेगी। मंत्र इस प्रकार है।-ओम त्रयम्बकं यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनं ऊर्व्वारुकमिव वंधनान्मृत्योर्मुक्षीय मां मृतात्।भगवान दत्तात्रोय को ब्रह्मा-विष्णु-महेष की शक्तियों का संयोग कहा जाता है। अत: दत्ताात्रोय जी की साधना गूलर के पेड़ के नीचे बैठकर करने से शीघ्र फलदायी होती है। उत्तार पूर्व की ओर मुख करके 'ओम द्रां दत्तात्रोय नम:' मंत्रों का 21 दिन निरंतर 21 माला जप करने से बहुत लाभ मिलता है। पूजा में श्वेत चंदन, पुष्प और केवड़े के इत्रा का प्रयोग करना चाहिए।अक्षय तृतीया या किसी भी शुक्रवार की रात्रि कोकांसे या पीतल की थाली में काजल लगाकर काली कर दें और फिर चांदी की शलाका से लक्ष्मी का चित्र बनाएं चाहे वह कैसा भी बने, फिर चित्र के ऊपर ऐष्वर्य लक्ष्मी यंत्र स्थापित कर दें और एक निष्ठ होकर, मात्र एक सफेद धोती ही पहनकर, उत्तार दिषा की ओर मुंह कर, सामने गेहूं के आटे के चार दीपक बनाए और उसमें किसी भी प्रकार का तेल भरकर प्रज्जवलित करें और थाली के चारों कोनों पर रखे मूंगों की माला से निम्न मंत्र का एक रात्रि में 51 माला मंत्र जप करें। ओउम्ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं ह्रीं ह्रीं फट्॥ जब मंत्र पूरा हो जाए तो रात्रि में वहीं विश्राम करें और जमीन पर ही सो जाएं।अगर आप कर्ज से परेषान है तो सफेद रुमाल लें। पांच गुलाब के फूल, एक चांदी का पत्ता, थोड़े से चावल, गुड़ लें। मंदिर में जाकर रुमाल को रखकर इनचीजों को हाथ में ले लें और 21 बार गायत्री मंत्र का पाठ करें। इनको इकठ्ठा कर कहें मेरी परेषानी दूर हो जाएं तथा मेरा कर्जा उतर जाए। फिर इन सबको ले जाकर बहते जल में प्रवाह कर दें।यह प्रक्रिया सोमवार को करनी चाहिए। अगर इसे विष्णु-लक्ष्मी की मूर्ति के सामने किया जाए तोऔर भी अच्छा होता है। इसे कम से कम 7 सोमवार करना चाहिए।बचत के लियेआप अनावश्यक खर्चें से परेशान है, आपके हाथ से नचाहते हुये भी खर्चा अधिक हो जाता हो तो यह प्रयोग आपके लिये बहुत ही लाभदायक रहेगा। किसी भी माह के पहले सोमवार को 11 गोमती चक्र, 11 कौड़ी, 11 लौंग लें। पीलेवस्त्र में रख कर अपने पूजा स्थान में रख दें। श्रद्धापूर्वक पंचोपचार पूजन करें। धूप, दीप, नैवेद्य, फूल, अक्षत अर्पित करें। तत्पश्चात ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्धलक्ष्मयै: नम:। 11 माला जाप करें। ऐसा 7 दिन नियमित रूप से पूजन और जाप करें। पुन: दूसरे सोमवार को श्रद्धापूर्वक पूजनऔर जाप के उपरांत उसमें से 4 गोमती चक्र, 4 कौड़ी,4 लौंग घर के चारों कोनों में गड्डा खोदर कर डालदें। शेष बचें 5 गोमती चक्र, 5 कौड़ी, 5 लौंग को लाल वस्त्र में बांधकर अपनी तिजारी में रख दें।और दो गोमती चक्र, दो कौड़ी और दो लोंग को श्रद्धापूर्वक किसी भी भगवान के मंदिर में अर्पित कर दें। मनोवांछित सफलता प्राप्त होगी। स्वास्थ्य के लियेयदि आपका बच्चा बहुत जल्दी-जल्दी बीमार पड़ रहा हो और आप को लग रहा कि दवा काम नहीं कर रही है, डाक्टर बीमारी खोज नहीं पा रहे है। तो यह उपाय शुक्ल पक्ष की अष्टमी को करना चाहिये। आठ गोतमीचक्र ले और अपने पूजा स्थान में मां दुर्गा के श्रीविग्रह के सामने लाल रेशमी वस्त्र पर स्थानदें। मां भगवती का ध्यान करते हुये कुंकुम से गोमती चक्र पर तिलक करें। धूपबत्ती और दीपक प्रावलित करें।धूपबत्ती की भभूत से भी गोमती चक्र को तिलक करें। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे की 11 माला जाप करें। जाप केउपरांत लाल कपड़े में 3 गोमती चक्र बांधकर ताबीजका रूप देकर धूप, दीप दिखाकर बच्चे के गले में डाल दें। शेष पांच गोमती चक्र पीले वस्त्र में बांधकर बच्चे के ऊपर से 11 बार उसार कर के किसी विराने स्थान में गड्डा खोदकर दबा दें। आपका बच्चा हमेशा सुखी रहेगा। आर्थिक सम्पनता के लियेआप चाहते है कि आपकी आर्थिक संपंता स्थिर रहें के लिए उचित परिश्रम का लाभ प्रान्त हो, किसी भीमाह के प्रथम शुक्ल पक्ष को यह प्रयोग आरंभ करें और नियमित 3 शुक्रवार को यह उपाय करें। प्रत्येक दिन नित्यक्रम से निवृत्त होकर स्नानोंपरांत अपने घर में अपने पूजा स्थान में घी का दीपक जलाकर मां लक्ष्मी को मिश्री और खीर का भोग लगायें। तत्पश्चात 11 वर्ष की आयु से कमकी कन्याओं को श्रद्धापूर्वक भोजन करायें। भोजन में खीर और मिश्री जरूर खिलायें। भोजन के उपरांत श्रद्धानुसार लाल वस्त्र भेंट करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की अवश्य कृपा होगी। दांपत्य सुख हेतुयदि चाहते हुए वैवाहिक सुख नहीं मिल पा रहा है, हमेशा पति-पत्नि में किसी बात को लेकर अनबन रहती हो तो किसी भी शुक्रवार के दिन यह उपाय करें। मिट्टी का पात्र ले जिसमें सवा किलो मशरूम आ जाएं। मशरूम डालकर अपने सामने रख दें। पति-पत्नि दोनों ही महामृत्युंजय मंत्र की तीन माला जाप करें। तत्पश्चात इस पात्र को मां भगवती के श्री चरणों में चुपचाप रखकर आ जाए। ऐसा करने से मां भगवती की कृपा से आपका दांपत्य जीवन सदा सुखी रहेगा।रोजगार के लियेअगर आपको रोजगार की समस्या आ रही हो या आपके व्यवसाय में आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा हो अथवा हाथ में आये अच्छे मौके निकले जा रहे हो तो ऐसी अवस्था में किसी भी माह के शुक्ल पक्ष को यह उपाय आरंभ करें। सौ ग्राम जौ, सौ ग्राम देसी चना, सौ ग्राम उड़द का आटा लें तीनों आटों को मिक्स करके गूंथ लें और इस आटे की 108 गोलियां बना लें। गोली बनाते समय ॐ श्रीं नम: काजाप करते रहें गोलियां बनाकर किसी स्वच्छ थाली में रख दें। तत्पश्चात दीपक जलायें और ॐ नम: कमलवासिन्यै स्वाहा। 11 माला जाप करें। और जप माला स्फटिक की प्रयोग करें तो बहुत अच्छा रहेगा। जप के बाद स्वच्छ पात्र में जल और गंगा जल भर कर माला को पात्र में रख दें। प्रात:काल उस जल में से माला को निकालकर उस जल को अपने घर, दुकान या व्यापारिक स्थान में छिड़क दें। ऐसा नियमित 108 दिन तक करें। 108 दिन के बाद माला को बहते पानी में प्रवाह कर दें। कार्य बाधा निवारण के लिएलाल कपड़े के ऊपर कुं कुम की स्याही बनाकर लाल चंदन की लकड़ी से गीता के ग्यारहवें अध्याय के 36वें शोक को श्रद्धापूर्वक लिखें। और अपने घर के दायीं ओर किसी भी कोने में टांग दें। किसी भीप्रकार की कार्य बाधा हो उसका निवारण हो जाएगा।विवाह में विलम्ब के उपायजिस जातक की जन्म कुंडली में बृहस्पति नीच का हो, 6, 8, 12 भावों में क्रूर ग्रहों के साथ बैठाहो अथवा दृष्ट हो, प्रबल मार्केष हो तो ऐसी अवस्था में यह उपाय रामबाण का काम करता है। गुरुपुष्य नक्षत्र के दिन गुरु की होरा में केले की जड़ को पूजनादि करके खोदकर घर लाएं। उस जड़ को पूजन स्थान में रखकर श्रध्दापूर्वक बृहस्पति देवता का पूजन करके पीले कपड़े में लपेटकर अथवा सोने में जड़वाकर गले या दाहिनी भुजा में धारण करें। इससे गुरुजन्य दोषों का निवारण एवं व्यवसाय में लाभ होता है। साथ ही जिनके विवाह में विलम्ब हो रहा है उन्हें भी इस प्रयोग से शीघ्र लाभ होता है।यदि किसी के विवाह में विलम्ब हो रहा है तो उसे बृहस्पतिवार का व्रत करना चाहिए। बृहस्पति व्रत कथा सुननी चाहिए तथा प्रत्येक गुरुवार को हल्दी की गांठ बिस्तर के नीचे लेकर सोएं।यदि पति से झगड़ा होता है तो शुक्ल पक्ष के प्रथमसोमवार को पत्नी अषोक वृक्ष की जड़ में घी का दीपक और चंदन की अगरबत्ती जलाए, नैवेद्य चढ़ाए। पेड़ को जल अर्पित करते समय उससे अपनी कामना करनी चाहिए। फिर वृक्ष से सात पत्तो तोड़कर घर लाएं, श्रध्दा से उनकी पूजा करें व घर के मंदिर में रख दे। अगले सोमवार फिर से यह उपासना करे तथा सूखे पत्ताों को बहते जल में प्रवाहित कर दें।समय पर विवाह न हो रहा हो तो शुक्ल पक्ष में किसी गुरुवार के दिन प्रात:काल उठकर स्नान करें। पीले वस्त्र पहल लें। बेसन को देषी घी में सेंककर बूरा मिलाकर 108 लड्डू बनाएं। पीलेरंग की टोकरी में पीले रंग का कपड़ा बिछाकर उसमें ये लड्डू रख दें। इच्छानुसार कुछ दक्षिणाभी रख दें। यह सारा सामान षिव मंदिर में जाकर गणेष, पार्वती तथा षिवजी का पूजन कर मनोवांछित वर प्राप्ति का संकल्प कर किसी ब्राह्मण को दे दें। इससे शीघ्र विवाह की संभावना बनेगी।व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ के लिएव्यवसाय में मनोनुकूल लाभ प्राप्ति नहीं हो रहीहो तो किसी भी शनिवार के दिन नीले कपड़े 21 दानें रक्त गुंजा के बांधकर तिजोरी में रख दें।हर रोज धूप, दीप अवश्य दिखाएं। अपने इष्ट देव काध्यान करें। ऐसा नियमित करने से व्यापार में लाभ मिलेगा और सफलता भी प्राप्त होगी। धन खर्च रोकने हेतुयदि परिवार मे अनावश्यक दुघर्टनाओं की वजह से या कोर्ट-कचहरी की वजह से अनावश्यक धन खर्च बढ़ रहा हो तो हर मंगलवार को स्वच्छ लाल वस्त्र सवा किलो लाल मसूर बांधकर पारिवारिक सदस्यों के ऊपरसे 11 बार उसार कर कपड़े सहित बहते पानी में प्रवाह कर दें। परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा। धन प्राप्ति हेतुसंपूर्ण प्रयासों के बावजूद धन की प्राप्ति नहीं होने पर किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को यह उपाय प्रारंभ करें। और लगातार एक साल तक करें। हर रोज नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत किसी तांबे के पात्र स्वच्छ जल भर के उसमें थोड़ा गंगा जल और शहद मिलाकर सूर्योदय से पूर्व भगवान शिव के शिवलिंगपर ॐ नम: शिवाय का जाप करते हुए चढ़ा दें। लाभ मिलेगा। बच्चे के बीमार होने परयदि आपका बच्चा बीमार है जो भी खाता है उसकी उल्टी कर देता है। एक पान के पत्ते पर एक बूंदी का लड्डू, पांच गुलाब के फूल रखकर बच्चे के ऊपर से सात बार उसार कर चुपचाप किसी मंदिर में रखकर आ जाएं कष्टों से छुटकारा मिल जाएगा। भूख लगने के लिएयदि आपको भूख तो है लेकिन खाना मुंह में नहीं जारहा हो तो प्रात:काल भोजन करते समय अपने भोजन में से एक रोटी निकाल दें उस रोटी को बरगद के पत्ते पर रखकर रोटी के उपर एक लौंग, एक इलायची, एक साबुत सुपारी और थोड़ी सी केसर डाल दे और अपनेऊपर से सात बार उसार कर किसी चौराहे पर चुपचाप रखकर आ जाएं। भूख लगने लगेगी मन प्रसन्न रहेगा।व्यापार व नौकरी में स्थिरता हेतुवे लोग जो अपने व्यापार व नौकरी को लेकर हमेशा तनाव में रहते हैं। बार-बार अपना कारोबार बदलतेहै व बार-बार नौकरी बदलते है तथा कहीं पर भी स्थिर नहीं रह पाते हैं। उन्हें यह प्रयोग जरूरअजमाना चाहिए। 17 इंच लंबा काला रेशमी धागा ले उसे लाल चंदन, कुंकम व केसर को घोलकर उसे रंग लें। तत्पश्चात 'ॐ हं पवननंदनाय स्वाहा' मंत्र का जाप करते हुए आठ गांठ लगा दें। प्रत्येक गांठ पर एक सौ आठ पर इस मंत्र का जाप करें। तत्पश्चात इस अभिमंत्रित धागे को अपने कारोबार के मुख्य द्वार पर बांध दे। नौकरी से संबंधित लोगों को अपनी चेयर या मेज की दराज में रख ले या कुर्सी पर यह धागा बांध लें। कारोबार व नौकरी में अवश्य स्थिरता आ जायेगी। बचत के लियेआप अनावश्यक खर्चें से परेशान है, आपके हाथ से नचाहते हुये भी खर्चा अधिक हो जाता हो तो यह प्रयोग आपके लिये बहुत ही लाभदायक रहेगा। किसी भी माह के पहले सोमवार को 11 गोमती चक्र, 11 कौड़ी, 11 लौंग लें। पीलेवस्त्र में रख कर अपने पूजा स्थान में रख दें। श्रद्धापूर्वक पंचोपचार पूजन करें। धूप, दीप, नैवेद्य, फूल, अक्षत अर्पित करें। तत्पश्चात ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्धलक्ष्मयै: नम:। 11 माला जाप करें। ऐसा 7 दिन नियमित रूप से पूजन और जाप करें। पुन: दूसरे सोमवार को श्रद्धापूर्वक पूजनऔर जाप के उपरांत उसमें से 4 गोमती चक्र, 4 कौड़ी,4 लौंग घर के चारों कोनों में गड्डा खोदर कर डालदें। शेष बचें 5 गोमती चक्र, 5 कौड़ी, 5 लौंग को लाल वस्त्र में बांधकर अपनी तिजारी में रख दें।और दो गोमती चक्र, दो कौड़ी और दो लोंग को श्रद्धापूर्वक किसी भी भगवान के मंदिर में अर्पित कर दें। मनोवांछित सफलता प्राप्त होगी। दुकान की बिक्री बढ़ाने हेतुआप मेहनत कर रहे हैं दुकान में पूरा सामान है परन्तु बिक्री नही हो रही हो अपनी दुकान में लक्ष्मी जी का चित्र लगाकर उनके आगे धूप व दीप जलाकर प्रणाम करें प्रणाम करके 108 बार ॐ नम: कमलवासिन्यै स्वाहा। मंत्र का जाप करने के बाद अपना कार्य आरंभ करें या दुकानदारी शुरू करें। कारोबार में वृद्धि होगी, ग्राहक आने लगेंगे और काम भी बढ़ेगा। सोचा काम बनाने के लिएसंपूर्ण प्रयासो के बावजूद भी सोचा हुआ काम पूरा नहीं होता हो तो मंगलवार के दिन यह उपाय प्रारंभ करें। और लगातार 21 मंगलवार करें। हर मंगलवार को नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत जटा वाले नारियल के ऊपर सवा मीटर लाल कपड़ा लपेटकर 21 बार कलावा लपेट लें। तत्पश्चात लाल कपड़े के ऊपर 21 कुंकुम की बिंदी लगा लें। नारियल को अपने ऊपर से 21 बार उसार कर के अपने पूजाा स्थान में रख दें। वहीं बैठकर एक पाठ सुंदरकांड का पाठ करें। तपश्चात अपनी मनोकामना का ध्यान करते हुए इस नारियल को बहते पानी व तालाब में प्रवाह कर दें।

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